Promptly effective in insomnia, restlessness, nervousness etc.
यह एक श्रेष्ठ योग वाही रसायन है। पित्त जन्य विविध रोग हृदय मस्तिष्क वातवाहिनी नाड़ियों एवं मन तथा रक्त पर इसका अच्छा प्रभाव होता है। वातविकार, निद्रानाश, भ्रममूर्छा, पक्षाघात, हृदय रोग में सफलता पूर्वक इसका प्रयोग होता है। योगवाही होने के कारण प्रमेह मूत्रपिण्ड के विकार, बहुमूत्र, भगन्दर, शूलअम्ल-पित्त आदि रोगो में अनुपान भेद से विशेष लाभ होता है।
Usage:
1-1 Tablet with Sitopaladichurna twice a day or as directed by the Physician.
1-1 टेबलेट दिन में दो बार सितोपलादि चूर्ण से या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
Reviews
There are no reviews yet.